भारतीय सेना, वायु सेना और नेवी के स्पेशल कमांडोज़ की कश्मीर में तैनाती कर दी गयी है | आतंकवाद के खात्मे के तहत साझा ऑपरेशन के लिए रक्षा मंत्रालय की तरफ से भारतीय सेना, वायु सेना और भारतीय नेवी के स्पेशल ऑपरेशन्स के कमांडोज़ की तैनाती कर दी गयी है | काउंटर टेररिज्म के तहत सेना के पैरा कमांडो, वायु सेना के गरुड़ कमांडो और भारतीय नेवी के मरीन कमांडो अब कश्मीर घाटी में मुस्तैद कर दिए गए हैं- रक्षा मामलो से सम्बंधित छपी एक रिपोर्ट के अनुसार यह बताया गया है | कश्मीर खासकर साउथ कश्मीर में आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में कमांडोज़ की तैनाती हो सकती है जिसके तहत आने वाले सभी खतरों से निपटने के लिए कमांडोज़ तैयार रहेंगे |
यह पहली बार हुआ है की तीनो भारतीय फोर्सेज के स्पेशलिस्ट कमांडोज़ की कश्मीर में तैनाती की गयी है | कश्मीर में आतंकवाद से निपटने के लिए खासकर धारा 370 के हटने के बावजूद हर प्रकार के किसी भी खरे से निपटने के लिए इन विश्व स्तरीय और खतरनाक कमांडोज़ की तैनाती की गयी है | गरुड़, पैरा और मरीन कमांडोज़ विशव में प्रख्यात केटेगरी में आते हैं और इन्हे आतंकवाद जैसे खतरों में विश्व में जाना जाता है |
रियल टाइम ऑपरेशन्स में इन कमांडोज़ की अलग ही ख्याति रहती है और इनका आतंकवाद से निपटने का अलग ही इतिहास रहा है पिछले दिनों कश्मीर घाटी में एयर फाॅर्स के गरुड़ कमांडोज़ ने एक ऑपरेशन के तहत छह आतंकवादिओं को जहहन्नूम पहुँचाया था |
कमांडोज़ को आर्म्ड फोर्सेज की स्पेशल ऑपरेटिंग डिवीज़न का हिस्सा माना जाता है और अब इन्हे आतंकवदीओ से किसी भी खतरे से निपटने के लिए रियल टाइम काउंटर के लिए तैनात किया गया है | इससे पहले तीनो अंगों के इन स्पेशल कमांडोज़ की 2 साझा एक्सरसाइज हो चुकी हैं जिनमे कच्छ और अंडमान और निकोबार द्वीप पर अभ्यास शामिल हैं | अब साझा ऑपरेशन के तहत इन गरुड़, पैरा और मरीन कमांडोज़ को कश्मीर घाटी में सबसे ज्यादा आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्रों में एक साथ अनुभव के लिए तैनात किया गया है |
इन कमांडोज़ के पास ख़ास तरह की टेक्नोलॉजी के साथ साथ विश्व विख्यात हथियार भी रहते हैं | ये कमांडोज़ आर्मी, एयर फाॅर्स और नेवी से ही निकलते हैं और इनकी भर्ती प्रक्रिया से लेकर इनका दैनिक अभ्यास काफी मुश्किल होता है | अमेरिका, रूस, इजराइल और अन्य देशों के सैनिको के साथ इनका अभ्यास होता है और इनके हथियारों के बारे में जानकारी गुप्त ही रखी जाती है |
Source- IndianDefenceNews