प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने थाईलैंड दौरे पर हैं और हाल ही में उन्होंने RECP पैक्ट पर साइन किये हैं जिसका प्रभाव भारतीय बाजार के साथ साथ देश के किसानो और डेरी कार्यों पर असर देखने को मिल सकता है | एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय बाजार और किसानो पर कुछ हद तक बुरा असर पड़ सकता है जैसा की विशेषज्ञों का दवा किया जा रहा है | जैसे ही RECP आरसीईपी (रिजनल कॉम्प्रिहेंसिव इकनॉमिक पार्टनरशिप) के पैक्ट पर प्रधानमंत्री ने साइन किये हैं इससे जहाँ एक तरफ किसानों , डेरी कर्मियों में निराशा है वहीँ दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय से कहा गया है की प्रधानमंत्री के इस पैक्ट साइन करना देशहित में है और इसके दूरगामी सफल परिणाम होंगे |
यह एक ऐसा पैक्ट है जिसमे देश के सदस्यै कम टैक्स ले कर एक दूसरे से इम्पोर्ट व एक्सपोर्ट करते हैं, इस समझौते मैं आसियान के 10 सदस्ये के अलावा भारत, चीन, जापान, साउथ कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, और न्यूज़ीलैण्ड इत्यादि शामिल है.
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी कार्यालय की तरफ से कहा जा रहा है की प्रधानमंत्री मोदी इस आसियान समिति मैं साइन करेंगें और 16 देश आपस मैं व्यापर टैक्स मैं कटौती करेंगे व तमाम आर्थिक छूट देंगे| थाइलैंड मैं आसियान समिति के दौरान इस समझौते पर हस्ताक्षर हो चुके हैं|
वहीँ विपक्ष की अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने कहा इस समझौते पर साइन करने से किसान लोग सड़क पर आ जाएंगे वहीँ भारतीय उद्योग जगत ने भी RECP पर चिंता दिखाई है विशेषज्ञों का मानना है की इस समझौते से भारतीय बाजार को सबसे ज्यादा असर चीन से हो सकता है एक तरह से देखा जाये तो मुफ्त बाजार होगा पांच देशो मैं बाखि भारत पहले से ही 10 देशों के साथ जुड़ा है.
विपक्षी पार्टियों का NDA पर हमला
विपक्ष की कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गाँधी का कहना है की भारत पहले से ही ख़राब आर्थिक सिथति को झेल रहा है पर इस RECP के समझौते के बाद भारत के किसान, दुकानदारों, छोटे छोटे वैपारियों को अच्छा खासा नुकसान होयेगा.
वहीँ उद्योगों की तरफ से भी कहा जा रहा है की उन्हें चीन से ज्यादा खतरा है उनके साथ समझौता करने का मतलब है भरतीये बाजार मैं चीनी सामान का बाढ़ आना या यूँ कहना की भारत बाजार मैं चीनी का राज हो जायेगा यह गलत नहीं होगा | इसलिए भारतीये उद्योग जनक ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा है की डेयरी, धातु, इलेक्ट्रॉनिक्स और रसायन समेत विभिन्न क्षेत्रों ने सरकार से इन क्षेत्रों में शुल्क कटौती नहीं करने का आग्रह किया है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भरोसा देते हुए कहा- RCEP के इस समझौते मैं यह खाश ध्यान रखा जायेगा की व्यापार, सेवाओं और निवेश में भारत के हितों का ध्यान रखा गया है या नहीं। मोदी ने कहा था कि भारत को यह 'स्पष्ट' है कि पारस्परिक रूप से लाभप्रद RCEP, जिससे सभी पक्ष यथोचित लाभ प्राप्त करते हैं, वह देश और वार्ता में शामिल अन्य सभी राष्ट्रों के हित में है।
RCEP पैक्ट क्या है
आरसीईपी एक ट्रेड अग्रीमेंट है जो कि सदस्य देशों को एक दूसरे के साथ व्यापार में कई सहूलियत देगा. इसके तहत निर्यात पर लगने वाला टैक्स नहीं देना पड़ेगा या तो बहुत कम देना होगा. इसमें आसियान के 10 देशों के साथ अन्य 6 देश हैं |